आइये जानते हैं कि छिपकली दीवार पर कैसे चिपक जाती है,और छिपकली दीवार पर चलते समय गिरती क्यों नहीं है?छिपकली दीवारों और छतों पर आसानी से चल भी पाती है और कई बार दौड़ने भी लगती है,इसका कारण क्या है?
कुछ समय पहले तक इसका कारण छिपकली के पंजो और दीवार के बीच वैक्यूम (vacuum) बनना माना जाता था लेकिन इसका असली कारण छिपकली के पैरों की संरचना में छुपा हुआ है|
छिपकली के पैर में बहुत सारे सूक्ष्म रेशे होते हैं जिन्हें सीटी (setae) कहते हैं,प्रत्येक सीटी में सैंकड़ों और अति सूक्ष्म रोम होते हैं जो स्पैचुले (spatulae) कहलाते हैं|जब ये स्पैचुले दीवार के संपर्क में आते हैं तो वण्डर वाल्स बल उत्पन्न होता है और इसी बल के कारण छिपकली दीवार पर आसानी से चिपकी रह पाती है|यह वॉन-डर वाल्स बल एक विद्युत चुम्बकीय बल (electro-magnetic force) का ही रूप हैं,जो छिपकली के spatulae और दीवार के बीच इलेक्ट्रान के आदान-प्रदान से उत्पन्न होता है|
छिपकली एक ऐसा जीव है जो साँप से समानता रखता है क्योंकि ये दोनों ही जीव सरीसृप वर्ग के है, यह अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के हर क्षेत्र में पाये जाते है|अंटार्कटिका के ठण्डे तापमान में अनुकूलित नही हो पाने के कारण छिपकली की प्रजातियां वहाँ नहीं पायी जाती हैं|
छिपकली से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्य बताएँगे जिन्हे जानकर आप भी चौंक जायेंगे
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• छिपकलियों से संबधित रोचक तथ्य :-
1.छिपकली का शरीर उसकी बाहरी त्वचा के मुकाबले काफी तेजी से बढ़ता है,इसी कारण छिपकली समय समय पर अपनी त्वचा उतारती रहती है|
2.छिपकली किसी भी चीजों का गंध अपने जीभ से पता लगाती है,इसी कारण वो किसी चीज को सूंघने के लिए अपनी जीभ बाहर निकालती है|साँपो की तरह छिपकली अपनी जीभ को हवा में सुगंधित कणों को पकड़ने के लिए बाहर निकालती है और फिर अपनी जीभ को वापस खींचती है और उन कणों को अपने मुंह की छत पर रखती है,जहां विशेष संवेदी कोशिकाएं होती है|छिपकली भोजन या अपने दूसरे साथी को खोजने तथा दुश्मनो का पता लगाने के लिए इन गंध का उपयोग करते है|
3.दुनिया की सबसे बड़ी छिपकली कि प्रजाति कोमोडो ड्रैगन कि होती है,जो लगभग 10 फिट तक लम्बी और लगभग 140 किलो तक भारी होती हैं|
4.छिपकली में अपना बचाव करने की एक अनोखी शक्ति होती है,छिपकली अपनी पूँछ को अपने शरीर से अलग कर सकती है जिसका फायदा उसे तब मिलता है,जब कोई दुश्मन उसकी पूँछ पकड़ लेता है,उस समय वो पूँछ को अपने शरीर से अलग कर भाग जाती है|और पुनरुदभवन द्वारा अपनी पूँछ वापस प्राप्त कर लेती है|
5.छिपकली की कुछ प्रजातियां हैं जो बिलकुल सांप की तरह दिखाई देते हैं,जिसे उनके शरीर के सिर पर कान के छेद और ऑंखें द्वारा ही इन्हे पहचाना जा सकता है|
6.छिपकली कि प्रजाति पूरी दुनिया में पाई जाती हैं लेकिन अंटार्कटिका महाद्वीप में नहीं पायी जाती क्योंकि वहां का तापमान काफी ठंडा होता है और इतने ठण्डे तापमान में छिपकलियां जीवित नहीं रह सकती|
7.कुछ प्रजातियों की छिपकलियां रंग बदलने में भी कुशल होती हैं,शरीर का रंग उनके पर्यावरण के रंगो पर निर्भर करता है क्योंकि यह छलावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है|
8.छिपकली का हृदय 1 मिनट में 1 हजार बार धड़कता है|
9.इनकी लंबाई 1.6cm से 60cm तक हो सकती है|
10.दुनिया भर में छिपकलियों की लगभग 5600 प्रजातियां पाई जाती हैं|
11.अधिकांश छिपकली पलक नहीं झपका सकते,इसलिए वे आँखों को साफ और नम बनाये रखने के लिए अपनी आंखों को चाटते हैं|
12. अधिकांश प्रजातियां निशाचर होती हैं और ज्यादातर कीड़े-मकोड़े को खाती है|
13.छिपकली एक बार में पर्याप्त पानी पी लेती है और लम्बे समय तक बिना कुछ खाये पीये रह सकती है|
14.अधिकांश प्रजातियों का जीवनकाल 1 से 20 साल तक होता है,लेकिन कुछ प्रजातियों का 50 साल तक हो सकता है|
• छिपकलियों को भगाने के पांच घरेलू उपाय :-
1.अंडे का छिलका छिपकलियों को भगाने का सबसे अच्छा तरीका है,क्योंकि छिपकलियां अंडे की गंध से दूर भागती है|इसलिए जब भी अंडा फोड़ें उसके छिलके को कूड़ेदान में फेंकने के बजाय उन जगहों पर रख दें जहां छिपकली होने की आशंका सबसे अधिक हो|
2.लहसुन की कुछ कलियों को खिड़की और दरवाजों पर टांग दे इससे छिपकलियाँ घर में नही आ पायेगी|
3.आपने कभी गौर किया होगा कि सर्दी के दिनों में छिपकलियां कम नजर आती हैं? क्योंकि वह ठंडी जगह में रहने के लिए अनुकूलित नही होते,तो ऐसे में जब भी छिपकली नजर आए तो उस पर ठंडा पानी छिड़क दे,इससे वो भाग जाएंगी|
4. नेप्थलीन कि गोलियों के प्रभाव से छिपकलियां दूर चली जाती हैं,तथा उसके प्रभाव से छोटे कीड़े-मकोड़े भी दूर रहते है|
5. कॉफी पाउडर और कत्थे को मिलाकर एक गाढ़ा घोल बना लें,उसके बाद इसकी छोटी-छोटी गोलियां बनाकर उन जगहों पर रख दे जहां छिपकली के होने की आशंका हो,कॉफी और कत्थे की गंध से छिपकली भाग जाएगी|
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1 thought on “छिपकली दीवार पर चलते समय गिरती क्यो नही है?”