बंदर बहुत ही नटखट व शरारती होता है, यह फुर्तीला होता है,अलग-अलग प्रजाति में इसका रंग व आकार अलग होता है,इसे अक्सर पेड़ो में उछल कूद करते हुए देखा जा सकता है,इस आर्टिकल में बंदर का जीवन चक्र से संबधित जानकारी तथा उसके आवास, भोजन, आकार व उसके व्यवहार के बारे में वर्णित किया गया है|
Contents
बंदर के बारे में सामान्य जानकारी
यह कॉर्डेटा संघ के स्तनधारी (Mammalia) वर्ग के प्राइमेट्स (स्तनपायी प्राणियों में सर्वोच्च श्रेणी के जीव) गण के अंतर्गत आने वाले जीव है, जिसे दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है:-
- Cercopithecidae कुल के पुरानी दुनिया के बंदर ( Old World monkeys ),(अफ्रीका, एशिया और यूरोप में पाये जाते है,)
- Cebidae कुल के नई दुनिया के बंदर (new World monkeys),(अमेरिका में पाये जाते है,)
दुनिया में लगभग 260 से भी अधिक बंदर प्रजातियां हैं| सभी प्राइमेट बंदर नहीं होते, बंदर और अन्य प्राइमेट्स के बीच पूंछ का अंतर होता है, अधिकांश बंदरों में पूंछ होती है, जबकि वानर और अन्य प्राइमेट्स में पूंछ नहीं होते हैं|
यह एक मेरूदण्डीय, स्तनधारी प्राणी है, इसके हाथ की हथेली एवं पैर के तलुए को छोड़कर सम्पूर्ण शरीर घने रोमों से ढकी होती है, तथा कर्ण पल्लव व स्तनग्रन्थी उपस्थित होते हैं, मेरूदण्ड का अगला भाग पूँछ के रूप में विकसित होता है| इसकी हाथ तथा पैर की अँगुलियाँ लम्बी होती है|
बंदर समूह में रहते है,बंदरों के एक समूह को टुकड़ी कहा जाता है| यह बहुत बुद्धिमान होते हैं,विशेषकर पुरानी दुनिया के बंदर,इसलिए वे अपने वातावरण में बदलाव के लिए अनुकूलन जारी रखने में सक्षम होते हैं|
बंदर का आवास [Habitat of monkey ]
अधिकांश वानर प्रजातियाँ उष्णकटिबंधीय जलवायु में रहती हैं| नए दुनिया के बंदर ( कैपुचिन, घुग्घू, टिटि, साकी, मकड़ी बंदर, वूलि और कई अन्य प्रजातियां ) मैक्सिको, दक्षिण और मध्य अमेरिका में पाए जाते हैं, जबकि पुरानी जगत के बंदर ( बबून, गेलडा, कोलोबस ) एशिया और अफ्रीका में पाए जाते हैं|
बंदर दुनिया भर में आमतौर पर जंगलों, घास के मैदानों, ऊंचे मैदानों के साथ-साथ पहाड़ी इलाकों में रहते है| लगभग सभी प्राइमेट पेड़ों पर रहते हैं, बबून और मकाक को छोड़कर क्योंकि यह जमीन पर रहना पसंद करते हैं|
बंदर भोजन कि तलाश में निरंतर आगे बढ़ते रहते हैं, इसलिए यह एक स्थान पर बहुत लंबे समय तक नहीं रह सकता|
बंदर का आकार [Size of monkey ]
पूर्वजगत के बंदर नवजगत की बंदर कि तुलना में आकार में बड़े होते है, पुरानी दुनिया के बंदर नई दुनिया के बंदरों से बहुत अलग दिखते हैं,इनकी नासिका और दाँतो के आकार व पूंछ में भिन्नता पायी जाती है|
नई दुनिया के बंदरों (New world monkey) की नाक अपेक्षाकृत चपटी होती है,और उनके नासिका किनारों (side-facing nostrils) पर होते हैं| और इसके लगभग 36 दांत होते है, अधिकांश नवजगत के बंदरों में परिग्राही प्रीहेंसाइल पूंछ (अपनी पूँछ से डालियाँ या अन्य चीज़ें पकड़ सकते हैं ) होती है|
पुरानी दुनिया के बंदरों में बड़े गाल थैली जैसे होते हैं| गाल के पाउच उन्हें तेजी से खाना खाने और अपने भोजन को स्टोर करने में मदद करते हैं, जिसे बाद में बंदर निगल लेते हैं|
पुरानी जगत के बंदरों की नाक संकीर्ण होती है, और उसकी नासिका आगे की ओर (forward-facing nostrils) होते हैं, इसके लगभग 32 दांत होते है,और इस वानर बंदरों में प्रीहेंसाइल पूंछ नही होता है|
विभिन्न प्रजातियों के बंदर आकार और रंगों में भिन्न होते हैं,वयस्क बंदर लगभग 2 से 4 फीट (0.6 से 1.2 मी) तक लंबे होते है| उसका वजन लगभग 3.5 औंस (100 ग्राम) से 100 पाउंड (45 किग्रा) तक होता है| बंदरों की लंबी भुजाएँ होती है, तथा उसके हाथों और पैरों में पांच उंगलियां होती है|
दुनिया का सबसे छोटा बंदर पिग्मी मार्मोसैट (pygmy marmoset ) है| इसका वजन लगभग 3.5 से 5 औंस (100 से 140 ग्राम) तक होता है। और उसकी लंबाई 4.5 – 6 इंच (117-159 मिमी) होती है,जो पूंछ के साथ 6.8 इंच ( 172 मिमी ) लम्बा होता है, यह बंदर ब्राजील, पेरू और इक्वाडोर के जंगलों में तथा दक्षिण अमेरिका के पश्चिम अमेजन घाटी में पाया जाता है| यह बंदर उंगली से भी काफी छोटा होता है,इसके पंजे भी काफी छोटे होते है|
दुनिया का सबसे बड़ा बंदर पूर्वजगत का मैन्ड्रिल जाति का नर बंदर है,यह लगभग 3.3 फीट (1 मीटर) लंबा होता है,और उसका वजन औसतन 55 पाउंड ( 25 किग्रा ) से 119 पाउंड ( 54 किग्रा ) तक होता है| यह गिनी और कांगो में पाया जाता है, उसे उसकी शारीरिक बनावट कि सुंदरता के कारण खूबसूरत (तितली ) जानवरो कि श्रेणी में शामिल किया गया है|
बंदर क्या खाते है? [What do monkeys eat?]
प्रजातियों व निवास स्थान के आधार पर आहार में भिन्नता पाये जाते है, अधिकांश बंदर सर्वाहारी होते हैं,अर्थात् वह पेड़ -पौधों और जीवो को भोजन के रूप में खाते हैं| लेकिन आमतौर सभी बंदर फल, पत्ते, बीज, नट, फूल, घास, जड़ें, सब्जियां खाते है, और कुछ बंदर पक्षी के अंडे और मकड़ियों सहित कीड़े और छोटे स्तनपायी को खाते हैं|
बंदर का जीवन चक्र [Life cycle of monkey ]
बंदरों के जीवनकाल में कोई प्रजनन मौसम ( breeding season ) नही होता है| वह किसी भी ऋतु में प्रजनन कर सकता है| लेकिन जब तक पर्याप्त भोजन और आश्रय उपलब्ध नहीं हो जाता तब तक बंदर प्रजनन नही करते| जैसे ही परिस्थिति अनुकूल हो जाती है, मादा बंदर प्रजनन क्रिया में भाग लेते है, और गर्भधारण करते है,व शिशु को जन्म देते है|
अधिकांश प्रजातियों में मादा अपने जीवनकाल में दो साल के अंतराल में केवल एक बार बच्चे पैदा करती है|
बंदर का जीवन चक्र क्या है? [What is life cycle of monkey ]
शिशु जन्म के बाद विभिन्न चरणों के दौरान क्रमिक विकास के पश्चात वयस्कता को प्राप्त करता है, वयस्क बंदर परिपक्व होने के पश्चात अपने प्रजननकाल के दौरान शिशु को जन्म देता है, इस प्रकार यह चक्र चलता रहता है|
बंदर के जीवनकाल के चरण [Monkey’s lifespan stages]
इनमें से प्रत्येक चरण की अवधि बंदर के प्रजाति के आधार पर भिन्न होती है, बंदर अपने जीवनकाल में निम्न चरणों से होकर गुजरता है :-
- गर्भावस्था
- बाल्यावस्था
- युवावस्था
- वयस्क
1.गर्भावस्था ( gestation )
बंदर कि गर्भधारण अवधि प्रजातियों के आधार पर भिन्न होती है, मादा बंदर का गर्भकाल (gestation period) लगभग चार से आठ महीनों ( 134 से 237 दिनों ) तक हो सकता है, उदाहरण के लिए, एक रीसस बंदर के लिए 164 दिन तथा बबून के लिए 187 दिनों का होता है |
गर्भावस्था के दौरान माँ के गर्भ में भ्रूण का विकास शुरू हो जाता है, इस अवधि के दौरान विकसित हो रहे शिशु के शरीर के विभिन्न अंगों ( आंख, नाक, सिर, हाथ, पैर आदि ) का निर्माण होने लगता है,यह इस अवस्था में माता के गर्भ में सुरक्षित होता है|
गर्भकाल पूर्ण होने के बाद शिशु का जन्म होता है| गर्भकाल के पश्चात मादा बंदर एक से तीन बच्चों को जन्म दे सकती हैं, लेकिन अधिकांश प्रजाति एक समय में केवल एक बच्चे को ही जन्म देती हैं|
2.बाल्यावस्था [Infancy]
जब शिशु का जन्म होता है, तो उसकी आंखे खुली होती है, अग्र व पश्चपाद पूरी तरह से विकसित होता है, इसका शरीर कोमल होता है,शरीर बालों से ढका रहता है,जन्म के समय इसका वजन 0.5 से 31 ऑन्स ( 14 ग्राम से 0.8 किग्रा ) तक होता है|
शिशु मादा बंदर के सीने से लिपटा होता है,तथा मजबूती से पकड़ने में सक्षम होता है| कुछ ही समय बाद शिशु अपने पैरों (दो अग्र व दो पश्च) पर खड़े होना सीख जाता है|
जन्म लेने के बाद शिशु बंदरों की देखभाल मुख्य रूप से उनकी माँ द्वारा की जाती है| शिशु को मादा बंदर द्वारा स्तनपान कराया जाता है| इस अवस्था के दौरान बच्चा अपना अधिकांश समय अपनी माँ की पीठ या उसकी बाहों पर बिताता है|
इस अवस्था कि अवधि लगभग 6 से 18 महीने तक हो सकती है,शिशु बंदर इस समय का उपयोग विभिन्न गतिविधियों को सीखने के लिए करता है| मादा बंदर बच्चे को खेलने, अपनी आवाज द्वारा बुलाने,भोजन खोजने और यहां तक कि हंसने के माध्यम से बच्चे को समाजीकरण कौशल सिखाती है|
इस दौरान मां बच्चे के बुरे व्यवहार के लिए उसको डांटती व अनुशासित भी करती है| इस चरण के दौरान इसमें निरंतर विकास होते रहता है, और अगले चरण में प्रवेश करता है|
3.युवावस्था [Young Stage]
इस चरण में युवा बंदर वयस्क बंदर के सामान दिखाई देता है, इस अवस्था में युवा नर को एक समूह में घूमने के लिए छोड़ दिया जाता हैं,जबकि युवा मादा बंदर अपने परिवार के बाकी सदस्यों के साथ रहती हैं|
यह प्रजनन कि दृष्टि से अभी परिपक्व नही हुए है| अभी भी उनकी देखभाल मादा बंदर द्वारा की जाती है| इस अवस्था की अवधि भिन्न प्रजातियों में भिन्न होता है, यह लगभग 3 से 6 साल बिताते है|
4.वयस्क [Adult stage]
विभिन्न बंदर प्रजातियों में परिपक्वता की उम्र अलग-अलग हो सकती है| अधिकांश बंदरों को परिपक्व होने में 18 महीने से 8 साल तक का समय लगता है, अब इसे वयस्क बंदर कहा जाता है| किसी भी प्रजाति की मादा नर से लगभग एक साल पहले परिपक्व हो जाती है|
अधिकांश प्रजातियों में नर मादाओं की तुलना में बहुत बड़े होते है, नर का विकास यौन परिपक्वता के बाद तेजी से होने लगता है| एक सामान्य बंदर का जीवनकाल लगभग 15 से 35 वर्ष तक हो सकता है|
व्यवहार
यह अनेक तरह के व्यवहार प्रदर्शित करते है :-
• बंदर एक दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए बंदर स्वरों के उच्चारण, चेहरे के भाव और शारीरिक गतिविधियों का उपयोग करते है|
• बंदर अपनी आक्रामकता या क्रोध का प्रदर्शन दांतों को दिखाकर करता है, जिससे वह खुद का बचाव भी करते है|
• सबसे तेज आवाज़ निकालने वाला बंदर Howler Monkeys है. इसकी तेज आवाज़ जंगल में लगभग 3 किमी (2 मील) तक और झील जैसे खुले क्षेत्रों में 5 किमी (3 मील) से भी अधिक दूरी तक सुनी जा सकती है|
• बंदर के हाथ व पैर लचीले होते है, जिसके कारण वह गति के साथ ऊँची छलांग लगाने की सक्षम होते है|
• दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला प्राइमेट (fastest primate on land) Patas monkeys है, जो 55 किमी (34 मील) प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है|
• सबसे लंबी पूंछ मादा spider monkey है, इसका शरीर 2 फीट लंबा होता है, लेकिन पूंछ 3 फीट (0.9 मी) तक लंबी हो सकती है, उसकी पूंछ बंदर के पूरे शरीर के भार को वहन कर सकती है|
इस प्रकार इस आर्टिकल में बंदर के जीवन चक्र को विस्तार से समझाया गया है,साथ ही उनके व्यवहार व गतिविधियो के बारे मे जानकारी दिया गया है|
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