ओक्टोपस का जीवन चक्र |life cycle of octopus in hindi|

ओक्टोपस कोमल शरीर व आठ भुजाओं वाला जलीय जीव है, यह समुद्र की गहराई में पाया जाता है, इस आर्टिकल में ओक्टोपस का जीवन चक्र संबधित जानकारी तथा उसके आवास, भोजन, आकार व उसके व्यवहार के बारे में जानकारी उपलब्ध कराया गया है|

Contents

ओक्टोपस के बारे में सामान्य जानकारी :-

ऑक्टोपस मोलस्का संघ के अंतर्गत सेफलोपोड्स (समुद्री अकशेरूकीय का एक उपसमूह ) वर्ग का एक समुद्री प्राणी है, इसकी लगभग 300 प्रजातियां है| यह अपने बल्बनुमा (गोल) सिर, उभरी हुई दो आंखे और आठ लंबी भुजाओं वाला सबसे आकर्षक जीव है, जिसकी अपने परिवेश में घुलने-मिलने की अनोखी क्षमता होती है|

उसके भुजा की आंतरिक सतह गोलाकार तथा चिपकने वाले चूषकों से ढका होता है| ऑक्टोपस की भुजा आपस में चिपकती नहीं है, क्योंकि ज्ञानेंद्री उसकी त्वचा को पहचानते है, और चिपकने से रोकते है| यह साइफन के माध्यम से सांस लेता है|

ओक्टोपस का आवास [habitat of octopus ] :-

यह दुनिया के सभी महासागर और सभी महाद्वीप में पाए जाने वाले जलीय जीव है| यह विशेष रूप से गर्म उष्णकटिबंधीय जल में पाये जाते है| कुछ प्रजातियाँ पेलाजिक ( “pelagic” खुले समुद्र की सतह पर रहने वाला जीव ) होते है, तथा अन्य प्रजातियां गहरे पानी में रहते है|

ओक्टोपस का आकार [size of octopus] :-

ऑक्टोपस कि प्रजातियां आकार तथा रंग में बहुत भिन्न होते है, सबसे छोटी प्रजाति लगभग 1 इंच (2.5 सेमी) तथा सबसे बड़ी प्रजाति लगभग 30 फीट ( 9 मी ) तक लंबा हो सकता है| और उसका वजन लगभग 1 ग्राम से 272 किलो ( 600 पाउंड ) तक होता है|

दुनिया का सबसे छोटा ऑक्टोपस Wolfi Octopus है, इसकी लंबाई 1 इंच (2.5 सेमी) से छोटा होता है, और इसका वजन 1 ग्राम से भी कम होता है| तथा विशाल प्रशांत ऑक्टोपस (Enteroctopus dofleini) दुनिया का सबसे बड़ा ऑक्टोपस प्रजाति है|

ओक्टोपस का भोजन [food of octopus] :-

ऑक्टोपस मांसाहारी होते हैं, उसके आहार में मुख्य रूप से मोलस्क और अन्य क्रस्टेशियंस ( केकड़ा, झींगा मछली ), प्लवक, व अन्य सेफलोपोड्स भी शामिल है|

ओक्टोपस का जीवन चक्र [life cycle of octopus] :-

ऑक्टोपस कि जीवन कि शुरूआत अंडे से होती है,अंडे लार्वा में परिवर्तित हो जाते है, लार्वा बहुत तेजी से बढ़ते हुए युवा फिर उसके बाद अंत में यह पूर्ण रूप से परिपक्व वयस्क में विकसित हो जाते है|

ओक्टोपस के जीवन के चरण [stage of octopus ] :-

यह अपने जीवन काल में निम्न चरणों से होकर गुजरता है :-

1.ऑक्टोपस का जीवन चक्र का पहला अवस्था :- अण्ड ( egg )

प्रजननकाल में वयस्क नर द्वारा मुक्त किये गए शुक्राणु को मादा द्वारा आंतरिक रूप से संग्रहीत कर लिया जाता है, और शुक्राणुओं को डिंबवाहिनी में रखा जाता है,उसके बाद डिंबवाहिनी ग्रंथियों में निषेचन होता है|

उसके पश्चात् अंडे दिए जाते है, डिंबवाहिनी ग्रंथियों से एक चिपचिपा पदार्थ स्राव होता है, जो अंडों के समूह को एक साथ चिपकाये रखने के लिए उपयोगी होता है| मादा द्वारा अंडे को उथले पानी में रखा जाता है, अंडे हमेशा एक आधार ( चट्टानी तटों ) से जुड़े होते है|

अंडो कि संख्या प्रजातियों के आधार पर भिन्न होती है, मादा लगभग 1,00,000 से 5,00,000 तक अंडे दे सकती है| अंडे की लंबाई लगभग 0.3 सेमी तक होती है, अंडे देने के बाद मादा अंडो को सेने का काम करती है| प्रजातियों और जल के तापमान के आधार पर, अंडे के ऊष्मायन की अवधि लगभग 2 से 10 महीने तक हो सकती है|

इस अवधि के दौरान मादा मेढ़क के सामान अपने अंडों की देखभाल करती है, वह अंडों को साफ रखने और शिकारियों से बचाने के लिए उन पर जलधारा प्रवाहित करती है, अंडों की तब तक रक्षा करती है, जब तक वे लार्वा में परिवर्तित नही हो जाते, इस समय मादा भोजन करना पूरी तरह छोड़ देती है|

नर ऑक्टोपस आमतौर पर संभोग ( Copulation ) या उसके कुछ महीनों बाद मर जाता है, मादा ऑक्टोपस भी अपने अंडे सेने के तुरंत बाद मर जाती है|

2.ऑक्टोपस का जीवन चक्र का दूसरा अवस्था :- लार्वा ( larvae )

ऊष्मायन के बाद अंडे लार्वा में विकसित हो जाते है| इसका आकार लगभग 1.5 से 3.2 मिमी तक हो सकता है, प्रारंभ में यह लंबे समय तक समुद्र की सतह पर रहते है, फिर बाद में समुद्र की गहराई में चले जाते है|

इस चरण के दौरान यह दूसरे जीवों के लार्वा ( केकड़ा,स्टारफिश ) व प्लवक ( समुद्र कि सतह पर पाये जाने वाले सूक्ष्मजीव ) को खाते है| इस अवस्था में लार्वा को बड़े जीवों से खतरा होता है, केवल कुछ लार्वा ही परिपक्वता तक पहुंच पाते है|

3.ऑक्टोपस का जीवन चक्र का तीसरा अवस्था :- किशोर ( Juvenile )

यह लंबी भुजाओं वाला एक छोटा नरम शरीर वाला ऑक्टोपस है, इसका आकार लगभग 18 सेंमी (7 इंच) होता है, इसकी आठ भुजाएँ और एक बल्बनुमा सिर, दो आँखे होती है, यह वयस्क ऑक्टोपस के सामान दिखाई देता है|

इस अवस्था में यह निरंतर भोजन ( कोपेपोड्स, आर्थ्रोपॉड लार्वा, जंतुप्लवक ) ग्रहण करता है, जिसके कारण यह अपना वजन हर दिन 5 प्रतिशत तक बढ़ाने में सक्षम होता है, तथा तीव्र गति से विकसित होने लगते है| ऑक्टोपस के जीवन के अंत में उसका वजन उसके द्वारा खाए गए भोजन से एक तिहाई अधिक होता है|

युवा को उसके धूसर रंग से आसानी से पहचाना जा सकता है, हालांकि जब यह किसी खतरे में होता है, तो यह अपनी त्वचा की रंग को गहरे लाल रंग में बदल देता है| यह 200 मी तक की समुद्र गहराई में पाया जाता है|

4.ऑक्टोपस का जीवन चक्र का चौथा अवस्था :- वयस्क ( Adult )

इस अवस्था तक ऑक्टोपस पूर्ण रूप से परिपक्व हो जाते हैं, उसके सभी अंग पूर्ण रूप से विकसित होते है| ऑक्टोपस का 3 हृदय होता हैं, क्योंकि दो गलफड़ों में रक्त पंप करते हैं और एक हृदय शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त का संवहन करता है|

ऑक्टोपस का खून नीला होता है| ( क्योंकि कुछ अकशेरुकी (ऑक्टोपस) जीवों के शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन हीमोग्लोबिन नही बल्कि हेमोसायनिन प्रोटीन करते है, इस प्रोटीन में दो तांबे (copper ) के परमाणु बंधे होते है, हेमोसायनिन रक्त कोशिकाओं (RBCs) के भीतर ले जाने के बजाय प्लाज्मा (haemolymph) में चला जाता है, जिससे रक्त रंगहीन, विऑक्सीजनित हो जाता है, तथा रक्त नीला रंग दिखाई देता है| )

ऑक्टोपस 40 किमी/घंटा की गति से तैर सकता है,

ऑक्टोपस का जीवनकाल प्रजातियों के आधार पर भिन्न-भिन्न होता है, जो 6 महीने से 5 साल तक हो सकता है|

यह पूरी तरह परिपक्व वयस्क में विकसित होने के बाद उसका जीवन चक्र फिर से आरम्भ हो जाता है, इस प्रकार यह चक्र चलता रहता है|

व्यवहार [octopus’s behavior ] :-

• यह शिकार करते समय या शिकारियों से बचने के लिए या अपने परिवेश के साथ घुलने-मिलने के लिए या अन्य ऑक्टोपस के साथ संवाद करने या चेतावनी देने के लिए भी ऑक्टोपस छलावरण का उपयोग करते है|

• छलावरण के लिए उसकी त्वचा में विशेष वर्णक क्रोमैटोफोर्स पाया जाता है,इसके आलावा ल्यूकोफोर,इरिडोफोरस कोशिकाएं भी पाये जाते है,जो त्वचा के रंग बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है|

• सभी ऑक्टोपस जहरीले होते हैं, लेकिन केवल नीले-रिंग वाले ऑक्टोपस ही मनुष्यों के लिए घातक हो सकता है|

इस प्रकार इस आर्टिकल में ओक्टोपस का जीवन चक्र विस्तार पूर्वक समझाया गया है,साथ ही उनके आवास, आहार व उनके व्यवहार के बारे मे जानकारी दिया गया है|

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