म्यूकोर्मिकोसिस ( ब्लैक फंगस ) एक कवक संक्रमण है, इस आर्टिकल में म्यूकोर्मिकोसिस क्या है? उसके रोगजनक का नाम क्या है? म्यूकोर्मिकोसिस का कारण क्या है? म्यूकोर्मिकोसिस कैसे होता है? उसके लक्षण क्या है? तथा ब्लेक फंगस से कैसे बचा जा सकता है? आदि के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है|
Contents
म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस क्या है? [What is mucormycosis or black fungus] :-
म्यूकोर्मिकोसिस जिसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है, पहले इसे जाइगोमाइकोसिस कहा जाता था, यह एक गंभीर व दुर्लभ कवक संक्रमण है|
म्यूकोर्मिकोसिस के प्रकार [ type of mucormycosis ] :-
निम्न प्रकार के म्यूकोर्मिकोसिस हो सकते है :-
1.राइनो ऑर्बिटल सेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस [ Rhino orbital cerebral (ROC) mucormycosis ] :-
यह साइनस (नाक से जुड़ी चेहरे की हडि्डयों के बीच खाली जगह “शिरानाल”) में एक संक्रमण है, जो मस्तिष्क में भी फैल सकता है, तथा यह नाक व आंख को भी अधिक प्रभावित करता है|
2. पल्मोनरी (फेफड़े) म्यूकोर्मिकोसिस [ Pulmonary Mucormycosis ] :-
यह मुख्य रूप से फेफड़े और श्वसन प्रणाली को प्रभावित करते है|
3. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल म्यूकोर्मिकोसिस [ Gastrointestinal mucormycosis ] :-
इससे जठरांत्र प्रणाली, पेट, कोलन और इलियम सबसे अधिक प्रभावित होते है|
4. त्वचीय म्यूकोर्मिकोसिस [ Cutaneous (skin) mucormycosis ] :-
यह शरीर की त्वचा के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते है|
5.डिसेमिनेटेड म्यूकोर्मिकोसिस [ Disseminated mucormycosis ] :-
इससे मस्तिष्क, हृदय, प्लीहा तथा त्वचा प्रभावित होते है|
म्यूकोर्मिकोसिस रोगजनक का नाम क्या है? [What is the name of mucormycosis pathogen? ]
म्यूकोरालेस ( Mucorales ) गण के अंतर्गत म्यूकोर्मिसेट ( Mucormycetes ) नामक एक प्रकार के कवक के समूह कारण होता है| इसके अलावा इस गण के अंतर्गत आने वाले कई अलग-अलग प्रजातियां भी है, जो म्यूकोर्मिकोसिस का कारण बन सकती है| जैसे :- राइजोपस ( Rhizopus ),म्यूकर ( Mucor ), राइजोम्यूकर ( Rhizomucor ), Lichtheimia , Saksenaea आदि|
म्यूकोर्मिकोसिस कहाँ पाया जाता है? [ Where is mucormycosis found ] :-
यह सर्वव्यापी होता है, यह ठंडी व गर्म दोनो स्थानो में उपस्थित हो सकता है, यह आमतौर पर हवा, मिट्टी, पौधों, खाद, गोबर और सड़ने वाले फलों और सब्जियों में पाया जाता है| यहां तक कि यह स्वस्थ लोगो की नाक और बलगम में भी पाया जा सकता है|
म्यूकोर्मिकोसिस का कारण क्या है? [ What is the cause of mucormycosis? ]:-
म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस संक्रामक नही है, अर्थात् यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नही फैलता है| और यह कवक सभी लोगो के लिए हानिकारक नही है| कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगो को ब्लैक फंगस होने का ज्यादा खतरा होता है|
• मुख्य रूप ब्लैक फंगस ऐसे व्यक्ति को प्रभावित करता है जो :-
- कोरोना के मरीज जो लंबे समय तक ICU में रहते है, जिन्हे बहुत ज्यादा ऑक्सीजन दी गई हो, जिन्हें स्टेरॉयड की ज्यादा मात्रा दी गई हो|
- जो व्यक्ति स्वास्थ्य समस्याओं के लिए निरंतर दवा ले रहे होते है, जिससे रोगो से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है|
- जो व्यक्ति लंबे समय तक कॉर्टिकोस्टेरॉइड का उपयोग करते है|
- ऐसे व्यक्ति जिसका ब्लड शुगर बढ़ा हुआ हो|
- जो बिना डॉक्टरी सलाह के स्वयं दवा ले रहे हो|
- जो सुइयों से संबधित अवैध नशीली दवाओं का उपयोग करते है|
- अत्यधिक कुपोषित व्यक्तियों को,
- एचआईवी/एड्स वाले लोगो में जिनकी पर्यावरणीय रोगजनकों से लड़ने की क्षमता बहुत ही कम होती है, ऐसे व्यक्तियों को ब्लैक फंगस संक्रमण का खतरा हो सकता है|
• विभिन्न प्रकार के म्यूकोर्मिकोसिस मुख्य रूप से निम्न व्यक्तियों को हो सकता है :-
- राइनो ऑर्बिटल सेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस अनियंत्रित मधुमेह वाले व्यक्ति तथा गुर्दा प्रत्यारोपण वाले व्यक्ति में हो सकता है|
- पल्मोनरी म्यूकोर्मिकोसिस शल्य चिकित्सा, कैंसर रोगियों तथा अंग या स्टेम सेल प्रत्यारोपण जैसे अन्य कारणों से तथा प्रतिरक्षा दमनकारी दवाएं प्राप्त करने वाले लोगों को भी संक्रमण होने का खतरा होता है|
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल म्यूकोर्मिकोसिस वयस्कों की तुलना में छोटे बच्चों में होता है, विशेष रूप से समय से पहले जन्म लेने वाले शिशु या जन्म के समय कम वजन नवजात शिशुओं में संक्रमण का अधिक खतरा हो सकता है|
- त्वचीय म्यूकोर्मिकोसिस शल्य चिकित्सा,जलने या त्वचा की चोट या अन्य प्रकार की त्वचा का आघात या घावों में दूषित चिकित्सा उपकरणों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों में हो सकता है|
- डिसेमिनेटेड म्यूकोर्मिकोसिस सबसे अधिक मस्तिष्क को प्रभावित करता है, तथा यह प्लीहा, हृदय और त्वचा जैसे अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है|
म्यूकोर्मिकोसिस कैसे होता है? इसके संक्रमण होने का माध्यम क्या है?
- वातावरण में कवक बीजाणुओं के संपर्क में आने से म्यूकोर्मिकोसिस हो सकता है|
- हवा के माध्यम से श्वसन द्वारा रोगजनक कवक बीजाणु शरीर में प्रवेश करके साइनस या फेफड़ों को संक्रमित करता है|
- खरोंच, जलन या अन्य प्रकार की त्वचा की चोट के माध्यम से त्वचा में प्रवेश करता है|
म्यूकोर्मिकोसिस का लक्षण क्या है [What are the symptom of mucormycosis ]:-
1.राइनोसेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस का लक्षण :-
• शुरूआती लक्षण :-
- सिर दर्द, बुखार
- साइनस दर्द
- दांत दर्द, दांतों का ढीला होना,
- पलको का गिरना
- आंखों व नाक के आस पास दर्द होना,
- धुंधला दिखाई देना या दर्द के साथ दोहरी दृष्टि
- चेहरे पर सूजन आना, भारीपन महसूस होना, नेक्रोसिस की वजह से स्किन लाल भी हो सकती है|
कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति में निम्न शुरुआती लक्षण के आधार पर ब्लैक फंगस का पता लगाया जा सकता है|
• गंभीर लक्षण :-
- चेहरे की विकृति, नाक के चारों ओर काली पपड़ी (धब्बे) बनना, चेहरे का रंग खराब होना,शरीर में ब्लैक फंगस फैलने का संकेत हो सकता है।
- नाक बंद हो जाना , नाक से खून आने लगना या काले रंग का पानी आना|
- आंखें संक्रमित होने पर गंभीर स्थिति में आंखों से मवाद निकल सकता है, और दृष्टि भी खो सकती है|
- मुंह की छत (तालु), आंख की गर्तिका या साइनस के आसपास की चेहरे की हड्डियां या नासिका छिद्र (सेप्टम) के बीच का संरचना नष्ट हो सकता है|
- मस्तिष्क में संक्रमण के कारण मानसिक स्थिति खराब हो सकती है, दौरे पड़ सकते है, आंशिक पक्षाघात और कोमा हो सकता है|
2.पल्मोनरी म्यूकोर्मिकोसिस का लक्षण :-
फेफड़े को प्रभावित कर सकता है, और यह तेजी से बढ़ने वाली बीमारी है, तथा गंभीर लक्षण पैदा करता है :-
- खून खांसी होना
- बुखार
- सिरदर्द
- सीने में दर्द
- सांस लेने में कठिनाई
- फेफड़ों के बाहरी आवरण में द्रव का जमाव होना,
3.त्वचीय म्यूकोर्मिकोसिस का लक्षण :-
- त्वचा में काले धब्बे
- त्वचा की लालिमा, घाव के आसपास सूजन
- त्वचा में फफोले या अल्सर
4.गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल म्यूकोर्मिकोसिस का लक्षण :-
- पेट में दर्द,
- मतली और उल्टी
- जठरांत्र (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) रक्तस्राव होना,
5.डिसेमिनेटेड का म्यूकोर्मिकोसिस लक्षण :-
- कवक धमनियों पर आक्रमण करता है, धमनियों में रक्त के थक्के बनते हैं, ऊतको में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है, और ऊतक मर जाता है, मृत ऊतक में फंगस अनियंत्रित होकर बढ़ने लगता है, जो काला हो जाता है|
म्यूकोर्मिकोसिस का उपचार क्या है?
म्यूकोर्मिकोसिस का प्राथमिक उपचार :-
ब्लैक फंगस से बचने के लिए निम्न तरीके अपनाये जा सकते है :-
- कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीज के ब्रश को अलग रखना चाहिए, तथा कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद टूथ ब्रश बदल देना चाहिए, तथा नियमित रूप से कुल्ला करते रहना चाहिए|
- कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों को साफ सफाई का विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है|
- कोरोना संक्रमण के दौरान दी गई दवाई और स्टेरॉयड लेने से मुंह में वैक्टीरिया और फंगस बढ़ सकता है, इसलिए उन्हे कम से कम 3 बार ब्रश करना चाहिए|
- मधुमेह को नियंत्रित करना, स्टेरॉयड का उपयोग कम करना और इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग दवाओं को बंद करना अत्यंत महत्वपूर्ण है|
- निर्माण या उत्खनन स्थलों जैसे बहुत अधिक धूल वाले क्षेत्रों से बचने की कोशिश करे, यदि धूल भरे निर्माण स्थलों पर जाना पड़े तो मास्क का प्रयोग करे|
- बागवानी या मिट्टी, काई या खाद से संबधित कार्य करते समय जूते, लंबी पतलून, लंबी बाजू की शर्ट और दस्ताने पहने|
- तूफान और प्राकृतिक आपदाओं के बाद पानी से क्षतिग्रस्त इमारतों और बाढ़ के पानी के सीधे संपर्क से बचे|
- त्वचा के संक्रमण के विकास की संभावना को कम करने के लिए, त्वचा की चोटों को साबुन और पानी से अच्छी तरह साफ करें, खासकर अगर वे मिट्टी या धूल के संपर्क में हो|
इस प्रकार सावधानी रखकर म्यूकोर्मिकोसिस के जोखिम को कम किया जा सकता है|
म्यूकोर्मिकोसिस का चिकित्सा उपचार :-
- कोरोना काल में ऑक्सीजन ट्यूब का एक बार प्रयोग करने के बाद दोबारा उसका इस्तेमाल नही करना चाहिए,वरना परिस्थिति काफी खतरनाक हो सकता है|
- म्यूकोर्मिकोसिस का इलाज प्रिस्क्रिप्शन एंटिफंगल दवा से किया जाता है, सबसे आम दवाओं में एम्फोटेरिसिन बी शामिल है – एक ऐसी दवा जो वर्तमान में भारतीय राज्यों में प्रकोप से निपटने के लिए इस्तेमाल की जा रही है|
- श्वेत रक्त कोशिका (WBCs) की संख्या कम वाले लोगों को उनकी WBCs की संख्या बढ़ाने के लिए इंजेक्शन दिया जाता है|
- मधुमेह वाले मरीज को इंसुलिन दिया जाता है|
- कुछ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, संक्रमित ऊतक और विशेष रूप से मृत ऊतक को शल्य चिकित्सा द्वारा हटा दिया जाता है|
आखरी सोच
इस प्रकार इस आर्टिकल में म्यूकोर्मिकोसिस को विस्तार पूर्वक समझाया गया है,जिसमें म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लेक फंगस) क्या है? उसके लक्षण, उससे कैसे बचा जा सकता है, आदि के बारे में बताया गया है|
आशा है कि आर्टिकल पसंद आया होगा,और ब्लेक फंगस के बारे में उचित जानकारी प्राप्त हुआ होगा, तथा आपके लिये उपयोगी साबित हुआ होगा,
अगर आर्टिकल अच्छा लगे तो इसे social network site पर share करे,ताकि दुसरो को भी इसका profit मिल सके|
आर्टिकल से संबधित अच्छी जानकारी जानने के लिये अपनी सकारात्मक राय दे सकते है,
आर्टिकल से संबधित किसी प्रकार कि जानकारी के लिए नीचे comment करे
आपको पसंद आया…. उसके लिए धन्यवाद
मृत्यु होना रोग कि स्थिति कि गंभीरता पर निर्भर करेगी
Thank you mam
Yah article hame pasand aya
But i have a question ?
Kya isse kisi ki mrittyu bhi ho sakta hai ?
Thank you so much 😊…… For your opinion
This is very useful for now, thank you ma’am!! For giving us the power to know