दीमक का जीवन चक्र |Life cycle of termite in Hindi|

इस आर्टिकल के माध्यम से दीमक के बारे में सामान्य जानकारी जिसके अन्तर्गत दीमक का जीवन चक्र उसके निवास स्थान व दीमक भोजन में क्या खाती है?उसके व्यवहार व कार्य तथा दीमक को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है? इससे संबधित तथ्यों के बारे मे जानकारी प्राप्त होगी| जिसे निम्न बिन्दुओ के द्वारा समझाया गया है:-

Contents

* दीमक के बारे में सामान्य जानकारी:-

• दीमक क्या है? (what is termite)

यह आर्थोपोडा जगत के अन्तर्गत आइसोप्टेरा (Isoptera) उपगण के अंतर्गत आने वाले कीट प्रजाति के जीव है,जो अपने समुदाय के साथ कॉलोनी पर निवास करती है, कॉलोनी एक समूह के रूप में कार्य करती है,जो कॉलोनी के सर्वोत्तम हित के लिए काम करती है|

यह चींटियों के समान दिखाई देते हैं,इसको सफेद चींटी भी कहा जाता है| दीमक के समूह मे तीन प्रकार की दीमक होती है:- प्रजनन, [रानी (अण्डे उत्पादक),ड्रोन (नर) ] श्रमिक (कार्यकर्ता),सैनिक आदि| प्रत्येक जाति संरचनात्मक रूप से भिन्न होते है|

कॉलोनी में प्रत्येक सदस्य भिन्न-भिन्न रंग के होते है, तथा इनमें से एक झुंड गहरे रंग का हो सकता है, इसके छ:पैर होते है, तथा इसका शरीर वक्ष युक्तहोता है, तथा प्रजनन (एलेट्स) में दो जोड़ी पँख उपस्थित होता है|

* दीमक का आवास क्या है? (what is habitat of termites)

दुनिया भर में लगभग 2,750 से अधिक प्रजातियां है, यह उष्णकटिबंधीय व शीतोष्ण क्षेत्रों सबसे ज्यादा पाये जाते है, कुछ प्रजाति ठंडे तापमान के लिए अनुकूलित होते है| दीमक मिट्टी के अन्दर या आस-पास तथा नमी वाले स्थान पर पाये जाते है|इसका अस्तित्व 120 मिलियन से अधिक वर्षों से है|

यह समूहों में कॉलोनी बनाकर रहती है, जिन्हें टरमिटेरियम (termitarium) कहा जाता है, इसे मिट्टी,पानी और दीमकों की लार से बनाया जाता है|दीमक हल्की गीली मिट्टी में अपनी लार मिलाकर कॉलोनी का निर्माण करते है| इनकी लार में उपस्थित द्रव्य पदार्थ धूप में सूखकर कठोर और मजबूत हो जाता है|

इस कॉलोनी में बड़ी संख्या में छोटे-छोटे कक्ष (cell) होते है, जिसमे यह निवास करते है| दीमक मिट्टी के अन्दर या आस-पास तथा नमी वाले स्थान पर पाये जाते है| सबट्रेनियन दीमक अक्सर 4 से 18 इंच जमीन से नीचे सुरंग (कॉलोनी) बनाते हैं|

* दीमक भोजन में क्या खाती है? (What do termites eat in food)

दीमक भोजन में क्या खायेगी यह उसके विभिन्न प्रजातियों पर निर्भर करता है| यह सेल्यूलोज युक्त कार्बनिक पदार्थ को खाते हैं,यह आमतौर पर मृत पौधे,पत्ती,लकड़ी,कूड़े,मिट्टी तथा जानवरों के गोबर को ग्रहण करते है|

* दीमक का जीवन चक्र (life cycle of termite) :-

• दीमक का जीवन चक्र क्या है? (What is life cycle of termite)

दीमक के विकास को अपूर्ण कायपलट (metamorphosis) कहा जाता है| इसका जीवन चक्र रानीनर (ड्रोन) दीमक के प्रेमालाप उड़ान से शुरू होता है, तथा निषेचन के बाद व नई कॉलोनियां बनने के पश्चात रानी के द्वारा अण्डे दिये जाते है|

दीमक अपने जीवन काल में अनेक प्रजनन (प्राथमिक,द्वितीय,तृतीय ) स्तरों से होकर गुजरता है, जिसमें प्राथमिक प्रजनन के अन्तर्गत रानी के द्वारा अण्डे दिये जाते है, जो लार्वा (निम्फ) अवस्था से होते हुए अंतिम वयस्क में विकसित हो जाते है| अण्डे देने के बाद कुछ पीढ़ियों की देखभाल रानी और ड्रोन द्वारा तब तक की जाती है, जब तक उसकी मदद करने के लिए पर्याप्त श्रमिक न हों जाये|

दीमक के जीवनकाल कि निम्न प्रावस्थायें :-1. Egg 2.Nymph 3.Adult

• दीमक के जीवनकाल के चरण (Termite life stages) :-

इसका जीवनकाल तीन प्रावस्था से होकर गुजरता है :-  1. अण्ड  2.निम्फ  3.वयस्क

1.दीमक का जीवन चक्र का प्रथम अवस्था :- अण्ड अवस्था (egg stage) :-

निषेचन के बाद रानी द्वारा अण्डे दिये जाते है,जिसकी संख्या रानी दीमक की उम्र और प्रजातियों के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती है| अंडे छोटे व अंडाकार तथा सफेद रंग के होते है, रानी कॉलोनी निर्माण के बाद प्रारंभिक चरणों में केवल 10-20 अंडे देती है, लेकिन जब कॉलोनी कई साल पुरानी हो जाती है,तो एक दिन में 1,000 अण्डे देने लगती है|

परिपक्वता के समय प्राथमिक रानी में अंडे देने की बड़ी क्षमता होती है, कुछ प्रजातियों में परिपक्व रानी का पेट विकृत हो जाता है, जिससे वह एक दिन में 40,000 अंडे तक दे सकती है|

अंडों का देखभाल करते हुए श्रमिक

अंडे देने के बाद श्रमिक अंडों को ऊष्मायन कक्षों में ले जाते है, और उनकी देखभाल करते है, जब तक कि वे लार्वा में परिवर्तित नहीं हो जाते है| तथा कॉलोनी के आकार का विस्तार करना शुरू कर देते है|

2.दीमक का जीवन चक्र का द्वितीय अवस्था :- निम्फ लार्वा (Nymph larva):-

अण्डे को सेने (incubate) के पश्चात यह दूसरे चरण में प्रवेश करता है, जिसे निम्फ (nymph) कहा जाता है,यह हल्के सफेद दिखाई देते है, तथा इसमें छोटे बाह्यकंकाल (exoskeleton) दिखाई प्रतीत होते है| अब इस लार्वा को कॉलोनी की नर्सरी कक्ष में रखा जाता है,और श्रमिक दीमक द्वारा देखभाल की जाती है|

निम्फ को वयस्कों की तरह सेल्यूलोज खिलाया जाता है| जिसे श्रमिकों के द्वारा छोटे-छोटे टुकड़े में तोड़ा जाता है, क्योंकि लार्वा मदद के बिना सेल्यूलोज को पचाने में असमर्थ होता है| इस अवस्था में इसके छ: पैर का विकास होता है|

विकासशील निम्फ लार्वा

विभिन्न जातियों को वयस्क में विकसित होने के लिए कई बाह्यकंकाल (exoskeleton) निर्मोचन (molt) से गुजरते हैं|[शरीर का कोई भाग समय-समय पर निकालते रहने कि क्रिया molt कहलाता है] यह प्रारंभ में नरम बाह्यकंकाल विकसित करता है|

यह लगभग 3 मोल्ट के बाद निम्फ तीन प्रकार कि जतियों में विकसित हो सकता है :-

  1. प्रजनन (रानी व ड्रोन)
  2. कार्यकर्ता
  3. सैनिक दीमक|

परिस्थिति के अनुसार लार्वा एक प्रजनन सहयोगी या द्वितीयक प्रजनन भी बन सकता है, जहाँ वह एक अन्य कॉलोनी के लिए प्रजनन (ड्रोन या रानी) दीमक बन जाता है|

इस अवस्था में अधिकांश लार्वा विभिन्न वातावरणीय व विविध कारणों से नस्ट हो जाते है, और जो लार्वा बच जाते है, वह तीसरे चरण में प्रवेश करता है|

3.दीमक का जीवन चक्र का तृतीय अवस्था :- वयस्क अवस्था (Adult stage) :-

यह अंतिम चरण है, इस अवस्था में निम्फ वयस्क में विकसित हो जाते है, जिसमे भिन्न जाति शामिल होते है :-

1.प्रजनन (reproductive) :- इसके अन्तर्गत रानीड्रोन (नर) दीमक आते है, जो प्रजनन क्रिया में भाग लेते है, जिसे एलेट्स (aletes) भी कहा जाता है,पंखों के साथ पूरी तरह से विकसित होते है|यह पूरी तरह से परिपक्व हो जाने के पश्चात प्रजनन करने में सक्षम होते है, तथा कॉलोनी बनाने की तैयारी में पंखों और आंख को विकसित करता है, या माध्यमिक प्रजनन के रूप में अंडे उत्पादन का कार्य करते है| यदि आवश्यक हो तो कुछ कार्यकर्ता दीमक तृतीयक प्रजनन के रूप में अण्डे देने का कार्य करते है|

कॉलोनी का निर्माण करते हुए श्रमिक व लाल रंग के विशिष्ट सिर वाले सैनिक दीमक

2.अधिकांश लार्वा श्रमिक में विकसित हो जाते है, यदि आवश्यक हो तो कार्यकर्ता दीमक बाद में सैनिकों में बदल सकते हैं|

3.कुछ लार्वा सैनिक में परिवर्तित हो जाते है|

कॉलोनी में लगभग 5-10 ड्रोन होते है, जो जीवन भर रानी के साथ रहते है, कॉलोनी में केवल एक रानी होती है, हालांकि बड़ी कॉलोनियों में दो या अधिक रानियां हो सकती है| दो वर्षों में लगभग 1,000 श्रमिकों की एक कॉलोनी तथा पांच वर्षों में लगभग 3,00,000 श्रमिकों को बढ़ा सकते है|

कॉलोनी की आबादी लगातार बढ़ती जाती है, प्राथमिक एलेट्स के साथ साथ प्रजनन सहयोगी कि संख्या भी बढ़ती जाती है, कभी कभी परिपक्व कालोनियों में लगभग 60,000 से 1 मिलियन तक दीमक हो जाते है| तथा वे एक नयी कॉलोनी शुरू करने के लिए तैयार हो जाते है, इस प्रकार यह चक्र बार-बार चलता रहता है|

* दीमक का कार्य एवं व्यवहार (Termite work and behavior) :-

1.प्रजनन कार्य में भाग लेने वाले (Reproductive participants) :-

इसमें ड्रोनरानी मकड़ी प्रजनन में भाग लेते है, केवल यही उड़ सकते है| भिन्न-भिन्न प्रजातियों के रंग भिन्न होते है,एलेट्स सुनहरे गहरे भूरे रंग के दिखाई देते है, इनकी दो आँखें व दो जोड़े पंख होते है|रानी,ड्रोन और उनके सहयोगी को प्राथमिक प्रजनन माना जाता है, द्वितीय व तृतीयक एलेट्स में पूर्ण विकसित पंख नहीं होते है, लेकिन उनमें अल्पविकसित पंख उपस्थित हो सकते है| यह सामाजिक,पर्यावरण और प्रजनन कार्य के लिए फेरोमोन (रासायनिक संकेतों) का उपयोग करते है|

(i) रानी दीमक (Queen termite) :-

रानी दीमक ड्रोन के साथ कॉलोनी शुरू करने के लिए उपयुक्त स्थान का पता लगाता है, तथा श्रमिक द्वारा कॉलोनी का कक्ष तैयार किया जाता है,उसके पश्चात रानी दीमक शाही सेल (कक्ष) में प्रवेश करते है, व अंडे देना शुरू करती है, यह आकार में सबसे बड़ी होती है| यह गहरे भूरे या काले रंग के होते है|

रानी एक विशिष्ट फेरोमोन का स्राव करती है, जिसके द्वारा अन्य निम्फ लार्वा को रानियों में बदलने से रोकती है| तथा कॉलोनी के सभी सदस्यों की प्रजनन क्षमता को रासायनिक रूप से अवरुद्ध करने में सक्षम होती है, यह रसायन का स्राव लार्वा चरण के दौरान करती है, जो मादा द्वितीयक प्रजनन के विकास को रोकता है, तथा लार्वा किस प्रकार के दीमक में विकसित होगा उसका नियंत्रित करती है| जब रानी की मृत्यु हो जाती है, फेरोमोन का स्राव बंद हो जाता है, जिससे द्वितीयक प्रजनन का हो सकता है|

रानी अपने पंखों द्वारा कॉलोनी के दीमकों को प्रकाश और कम आर्द्र हवा के संपर्क में लाने में मदद करती है| प्रजातियों के आधार पर दीमक का जीवन काल भिन्न-भिन्न हो सकता है, रानी का जीवनकाल सबसे लंबा होता है, जो लगभग 25 से 50 साल तक हो सकता है|

(ii) ड्रोन मकड़ी (drone termite) :-

प्रजनन में भाग लेने वाले नर दीमक को ड्रोन कहा जाता है, यह गहरे भूरे या काले रंग के होते है, एक कॉलोनी में लगभग 5-10 ड्रोन हो सकते है|

बारिश का मौसम शुरू होने पर एलेट्स इकट्ठा हो जाते है| एक गुप्त उड़ान के दौरान वे आम तौर पर रोशनी (लैंप) के आसपास आसानी से देखे जा सकते है, जिससे वे आकर्षित होते है|

2. कार्यकर्ता अथवा श्रमिक (workers termite) :-

प्रत्येक जाति की शारीरिक बनावट अलग-अलग होती है, यह सबसे छोटा अपरिपक्व कार्यकर्ता है, यह पीला पारदर्शी सफेद रंग का होता है, इसकी संख्या कॉलोनी में सबसे अधिक होती है| श्रमिक दीमक कॉलोनी का लगभग 90-95% हिस्सा बनाते है, अधिकांश लार्वा श्रमिक दीमक में विकसित होते है|

इसकी आँखें छोटी या अनुपस्थित होती है, तथा यह पंखहीन,बाँझ और नरम शरीर वाले होते है, वे मादा या नर दीमक होते है, वे अपरिपक्व होते है, तथा प्रजनन में भाग नहीं लेते है|

श्रमिकों द्वारा कॉलोनी (कक्षों व सुरंगो) का निर्माण तथा व्यवस्था के साथ-साथ अन्य दीमक जातियों को खिलाया और तैयार किया जाता है| कार्यकर्त्ता द्वारा अंडों को ऊष्मायन कक्षों में ले जाया जाता है, तथा लार्वा के तापमान को नियंत्रित कर उसका देखभाल किया जाता है, कार्यकर्त्ता का शरीर कॉलोनी के बाहर निर्जन के लिए अतिसंवेदनशील बनाते हैं|

कुछ प्रजातियों में यह एलेट्स (प्रजनन) में विकसित हो जाते है, तथा यह प्रजनन सहयोगी बन सकती है|कुछ प्रजातियों में कार्यकर्ता सैनिकों में विकसित हो जाते है| किसी भी प्रजाति कि कॉलोनी में श्रमिक का औसत जीवन काल आमतौर पर दो साल होता है|

दीमक कभी नहीं सोते वे हर दिन 24 घंटे अपनी कॉलोनियों का निर्माण करते है| दीमक एक दूसरे के साथ जानकारी साझा करने के लिए रासायनिक गंध (फेरोमोन्स) का उपयोग करते है, साथी दीमक अपनी ग्रंथियों से गंध का निशान छोड़कर अन्य श्रमिकों का मार्गदर्शन करते है, प्रत्येक दीमक कॉलोनी की अपनी गंध है|

लकड़ियों को नुकसान पहुंचाने के लिए श्रमिक दीमक जिम्मेदार होते है| ये छोटे कीड़े लकड़ी को इतना नुकसान कैसे करते हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके पास सूक्ष्मजीवों (protozoa) से भरा एक कण है, जो उन्हें सेल्यूलोज या पौधे के तंतुओं को तोड़ने में मदद करता है|

3. सैनिक (soldier) :-

सैनिक दीमक कॉलोनी की आबादी का लगभग 1-3% बनाते हैं,इसकी संख्या श्रमिकों की तुलना में कम होती है| वे कॉलोनी के अन्य सदस्यों से भिन्न होते है, यह आकार में बड़े होते है, तथा श्रमिकों की तुलना में विशिष्ट सिर और बड़े जबड़े वाले होते हैं|

सैनिक गहरे पीले-भूरे रंग के होते है, श्रमिकों की तरह वे भी पंखहीन,बाँझ और अंधे होते है| वे कभी नहीं उड़ते है, दीमक मुख्य रूप से अपने पैरों पर निर्भर होते हैं|

अल्पविकसित सैनिक को श्रमिकों द्वारा कॉलोनी के कक्षों में ले जाया जाता है, जब तक इनका अंतिम मोल्ट (निर्मोचन) नहीं हो जाता तब तक इनका देखभाल किया जाता है| सैनिक स्वयं खाने मे असमर्थ होता है, इसलिए इसे श्रमिकों द्वारा खिलाया जाता है|

यह स्वयं कि सुरक्षा करने में सक्षम है, यह कॉलोनी के रक्षक होते है| सैनिक कॉलोनी की रक्षा के लिए अपने बड़े जबड़े वाले मुख का उपयोग करता है| यह युद्ध में उपयोगी है, इसका आक्रमणकारियों के साथ सामना होने पर उसको भगाने के लिए अपने सिर से एक विष का स्राव करते हैं,जिसे दुश्मन पर छोड़ देते है| सैनिक दीमक को सबसे सक्रिय प्रकार का दीमक माना जाता है|

यह अंधे होते है,इसलिए इनका संचार का कार्य फेरोमोन व यांत्रिक संकेतों के माध्यम से होता है|सैनिक का जीवनकाल केवल एक से दो साल तक होता है|

* दीमक का नियंत्रण कैसे करें? (How to control termites) :-

निम्न तरीको को अपनाकर इसको नियंत्रित किया जा सकता है :-

कड़वी चीजों का छिड़काव :-

दीमक को कड़वी चीजें व कड़वी गंध बिल्कुल भी पसंद नहीं होती है| नीम व करेला के रस का उन जगह पर छिड़काव करें जहां दीमक लगी हुई है|

केरोसिन का छिड़काव :-

लकड़ी को दीमक से बचाने के लिए मिट्टी का तेल का इस्तेमाल करें|

नारंगी का तेल :-

इस तेल में ‘डी लिकनीन’ तत्व पाया जाता है, जो किसी भी तरह के कीड़े-मकोड़ों को मारने में लाभकारी होता है|

सूर्य का प्रकाश :-

यदि किसी सामान में दीमक लगा है, तो उसको धूप में रख सकते है, यह दीमक भगाने का बहुत आसान तरीका है|

बोरक्स पाउडर :-

यह एक रासायनिक पदार्थ है, इसके प्रयोग से दीमक का तंत्रिका तंत्र कार्य करना बंद कर देता है| एक ग्लास पानी में एक चम्मच बोरेक्स पाउडर मिलाकर एक स्प्रे बोतल में भर कर इसका इस्तेमाल उस स्थान पर करना चाहिए जहां पर दीमक लगी हो|

खस का तेल :-

इसका उपयोग दीमक ग्रसित क्षेत्र में करना चाहिए, खस के तेल से घर में उपस्थित दूसरे अन्य कीड़े को भी मार सकते हैं|

नमक का घोल :-

नमक एक तरह से कीटनाशक कि तरह कार्य करता है| दीमक पर नमक के घोल का छिड़काव करने से वह मर जाता हैं|

आखरी सोच :-

उम्मीद है कि आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा| दीमकों का जीवन चक्र,आवास व उनके व्यवहार के साथ साथ दीमकों को नियंत्रित कैसे किया जा सकता है, इससे संबधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुआ होगा|

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