चीटियां एक ही लाइन में क्यों चलती है? [Why do ants walk in line,in hindi ?]

अक्सर यह देखा गया है कि चीटियां एक लाइन में चलती है,जिससे प्रश्न यह उठता है कि चीटियां आखिर एक ही लाइन बनाकर क्यों चलती है? क्या यह चीटियों की कोई रीति-रिवाज होती है? या फिर यह प्राकृतिक रुप उनमे ऐसा होता है?यहां इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि चींटी लाइन मे क्योंकि चलती है,साथ ही साथ चीटियों से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे मे भी जानने के लिये मिलेगा|

चीटियों का एक लाइन में चलने का कारण जानने के लिए हमें चीटियों से जुड़ी कुछ तथ्यों को जानने कि आवश्यकता है|चीटियां सामाजिक कीड़े है,वे एक साथ लाखो की संख्या में होते है वे बड़ी कॉलोनियों में रहते हैं जो की टीम के रूप में काम करती है,इनमें अच्छा संचार कौशल होता है,जो उनकी सफलता की निशानी होता है,चींटियों में कुछ विशेष ग्रंथियाँ होती हैं जिनसे फेरोमोंस नामक रसायन स्रावित होता हैं,इन्हीं रसायन के माध्यम से वे एक दूसरे के संपर्क में रहती हैं|

एक लाइन में चलती हुई चीटियां

चींटियों में दो स्पर्श श्रंगिकाएं या ऐंटिना होते हैं जिनसे वो सूंघने का काम करती हैं,रानी चींटी भोजन की तलाश में निकलती है तो फेरोमोन छोड़ती जाती है, दूसरी चीटियाँ अपने ऐंटिना से उसे सूंघती हुई रानी चींटी के पीछे-पीछे चली जाती हैं,जो अन्य चींटियों को भोजन के स्रोत तक पहुंचने में मदद करती है|जिससे कि चींटियाँ फेरोमोन की गंध का पालन करती हैं, इससे उन्हें एक लाइन में चलना पड़ता है,यही कारण है कि चीटियां सीधी रेखा में चलती है|यह रसायन उन्हें अपने घर लौटने में भी मदद करती है जब रानी चींटी एक खास फेरोमोन बनाना बंद कर देती है तो चीटियाँ नई चींटी को रानी चुन लेती हैं|

साथ ही साथ फेरोमेन अन्य कार्यो के लिये भी उपयोगी होता है:-

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फेरोमेन के अन्य कार्य :-

  1. फेरोमोंस का प्रयोग बहुत सी स्थितियों में होता है,जैसे अगर कोई चींटी कुचल जाए तो चेतावनी के लिये फेरोमोन का स्त्राव करती है जिससे बाक़ी चींटियाँ हमले के लिए तैयार हो जाती हैं|
  2. इसका उपयोग वे खाद्य स्रोत के स्थान से जुड़े प्रत्येक चीज के बारे में जटिल जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिये करत हैं,तथा शिकारियों की उपस्थिति के लिए मार्ग की पहचान के लिये भी करते हैं|
  3. फ़ैरोमोंस के गंध से यह भी पता चलता है कि कौन सी चींटी किस कार्यदल का हिस्सा है,(प्रत्येक चींटियों के कॉलोनियों को उसके विशिष्ट फेरोमेन के गंध से पहचाना जा सकता है,प्रत्येक कॉलोनी के फेरोमोन का गंध अलग-अलग होता है,यदि दो चींटियां आपस में टकराती हैं,तो वे एक-दूसरे के फेरोमोन की गंध सूंघती हैं,यदि फेरोमोन कॉलोनी से संबंधित नहीं हैं,या बाहरी कॉलोनी के चींटी के उपस्थित होने के आभास होने पर उस पर हमला करती है|लेकिन अगर फेरोमोन एक ही कॉलोनी के हैं,तो अन्य चींटियां गंध का अनुसरण अपने कॉलोनी में लौटने के लिए करती है|
  4. यह एक-दूसरे से टकराते हुए दूसरे चींटियों को किसी ऐसी चीज़ के बारे में सचेत करना चाहती हैं जो उनकी कॉलोनी के लिए उपयोगी हो सकती है, जिससे वे गंध लेने के लिए अपने एंटेना का इस्तेमाल करती है|

इसका परीक्षण चींटियों के रास्ते में एक रबर (eraser) को रगड़कर किया जा सकता है,यह गंध निशान को मिटा देगा और दिशाहीन चींटियां सभी दिशाओं में चलने लगेंगी|

चीटियों के रास्ते से फेरोमेन को रबर से रगड़ने के पश्चात मार्ग से भटकती हुई चीटियां

• चींटियों से जुड़ी 17 रोचक तथ्य :-

1. चीटियां अपने वजन के करीब 50 गुना अधिक भार उठा सकती हैं|

2. दुनियाभर में चींटियों की कुल 12 हजार से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती है|

3. दुनियाभर में रहने वाली सारी चींटियों का भार लगभग मनुष्यों के भार के बराबर हैं|

4. चींटियों के कान नहीं होते परन्तु अपने संवेदनशील अंगों से वे धरती के कंपन को महसूस करती हैं|

5. चीटियां अपने जीवन में बिना सोये ही लगातार काम करती रहती है|

6. ज्यादातर लोग ये बात नहीं जानते कि चींटियों के शरीर में फेफड़े नहीं पाए जाते|

7. चींटियां अपने शरीर के बेहद सूक्ष्म छिद्रों से सांस लेती हैं|

8. रानी चींटी पंखों वाली होती है पर ये उड़ नहीं सकती व यह अपने कॉलोनी में सबसे बड़ी होती है|

9. चींटियां अंधी होती है|

10. चींटियों के सिर के ऊपरी हिस्से में एंटीना (Antinnae) होता है जो इन्हें सूंघने में मदद करता है|

11. चींटियां मधुमक्खी प्रजाति से संबंधित कीट हैं, इसलिए इनकी प्रजाति मधुमक्खियों से मिलती जुलती है जैसे कि रानी मधुमक्खी के सामान चींटियों में भी एक रानी चींटी होती है जो सभी बच्चों को जन्म देती है|

12. कुछ प्रजाति की चींटियां तैरने में भी सक्षम होती हैं|

13. सबसे अधिक चींटियों की प्रजाति काले रंग व कम लाल रंग की होती हैं,आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ चींटियों की प्रजाति हरी और कुछ पीली भी होती हैं|

14.चींटियों का जीवनकाल लगभग 30 वर्ष या उससे अधिक भी हो सकता है ।

15. ऑस्ट्रेलिया की बुलडॉग (Bulldog ant) दुनिया की सबसे खतरनाक चींटी मानी जाती है|

16. चींटियां कपूर और लौंग की गंध बिल्कुल पसंद नहीं करती यही कारण है कि आप कपूर या लौंग को जिस स्थान पर रख देंगे वहां चींटियां नहीं आतीं फिर चाहे वह मिठाई ही क्यों न हो|

17. चींटियों की मौत के बाद इनके शरीर से निकलने वाला रसायन दूसरी चींटियों को बताने के लिए पर्याप्त होता है कि वह चींटी मर चुकी है|

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